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Tuesday, March 2, 2010

भारत पाकिस्तान संबंध


मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तानी विदेश सचिव सलमान बशीर के साथ हुई बातचीत को भारतीय विदेश सचिव निरूपमा राव ने इस बातचीत को विस्तृत, स्पष्ट और पारदर्शी बताया है साथ ही उन्होनें कहा कि इस समय दोनों पक्षों के बीच अच्छी केमिस्ट्रीबनी हुई है,इस बातचीतके दौरान भारत ने पाकिस्तान को तीन और दस्तावेज़ भी सौंपे हैं जिनमें से एक में मुंबई हमलों में शामिल कुछ लोगों के बारे में सबूत हैं, दूसरे में चरमपंथी इलियास कश्मीरी की तरफ़ से जारी धमकी का ब्योरा है और तीसरे में उन भगोड़ों को भारत को सौंपने की मांग की गई है जो पाकिस्तान में छिपे हुए हैं.उन्होंने कहा कि भगोड़ों से संबंधित दस्तावेज़ में कुछ और नए नाम भी शामिल हुए हैं.हर बार की तरह इस बार भी तमाम तरह की बातें औऱ औपचारिक माहौल तैयार  किया गया है,हर बार भारत-पाकिस्तान की बैठकों में दास्तावेजों के आदान-प्रदानके आलावा कुछ भी हासिल नहीं होता है,भारत अपनी तरफ से तमाम प्रयास करता है और पाकिस्तान सिवाय आश्वसानों के भारत को कुछ नहीं देता है, पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ। सन् 1947 से 1972 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान । दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया । पाकिस्तान का क्षेत्रफल कोई 8,03,940 वर्ग किलोमीटर है अरब सागर से लगी इसकी सामुद्रिक सीमा रेखा कोई 1046 किलोमीटर लम्बी है । इसकी ज़मीनी सीमारेखा कुल 6,744 किलोमीटर लम्बी है - उत्तर-पश्चिम में 2430 कि.मी. अफ़ग़ानिस्तान के साथ, दक्षिण पूर्व में 909 किमी ईरान के साथ, उत्तर-पूर्व में 512 कि.मी. चीन के साथ (गुलाम कश्मीर से लगी सीमा) तथा पूर्व में 2912 कि.मी. भारत के साथ। यहाँ की जनसंख्या तकरीबन 17, 00,00,000 है।अब पाकिस्तान की बात कर ली जाए। पाकिस्तान के भीतर के हालात चिंताजनक हैं। देश में एक कमजोर सरकार है,और इस सरकार को चलाने वाले नेता भी किसी तरह से कद्दावर नहीं कहे जा सकते हैं। पाकिस्तान ना तो सियासी हलकों में कभी स्थिरता रही है और ना ही आवाम के बीच ,पिछले कुछ समय से लगातार हो रहे हमलों ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है।देश में आरजकता की स्थिति बनी हुई है। तमाम हलातों को देखकर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र की नींव कभी ठीक से जम ही नहीं पाई है। वहाँ की सेना में 80 प्रतिशत पंजाबी रहते हैं। यही हाल आईएसआई का है, जो अक्सर अमेरिका की सीआईए की तर्ज पर काम करने लगती है। बलूचिस्तान के लोग बहुत नाराज हैं तो सिंध में बेचैनी है, उत्तर-पश्चिमी सीमांत उबल रहा है।पाकिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी सीमांत प्रांत (एनडब्ल्यूएफपी)योजना की रणनीति की आचोलना भी विश्व राजनीति में हो रही है।साथ ही पाकिस्तानी सरजमी से आतंकवाद को मिल रहे आश्रय को भी रोकने में लगातार नाकामी दिखाई देती है भले ही इसका दूसरा पहलू यह भी है कि जानबूझ कर पाकिस्तान भारत में आंतकबाद को बढ़ावा दे रहा है,लश्कर तैयबा के पाकिस्तान में होने के तमाम सबूतों के बाद भी इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाई नहीं की गई है।पाकिस्तनी सेना और पुलिस के कई अधिकारियों के तालिबान से संबंध होने के मुद्दे भी बीच-बीच में उठते रहे हैं.।पिछले साल ही पाकिस्तान ने तालिबान के समक्ष घुटने के हालात थे जिसके बाद भारत समेत पूरे विश्व में ख़तरा पैदा हो गया था।



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