अभी अभी ......


Wednesday, June 9, 2010

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,

तुम कह देना कोई ख़ास नहीं.

एक दोस्त है कच्चा पक्का सा,एक दोस्त है कच्चा पक्का सा,

एक झूठ है आधा सच्चा सा.एक झूठ है आधा सच्चा सा.

जज़्बात को ढके एक पर्दा बस,जज़्बात को ढके एक पर्दा बस,

एक बहाना है अच्छा अच्छा सा.एक बहाना है अच्छा अच्छा सा.

जीवन का एक ऐसा साथी है,जीवन का एक ऐसा साथी है,

जो दूर हो के पास नहीं.जो दूर हो के पास नहीं.

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,

तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ..तुम कह देना कोई ख़ास नहीं ..

हवा का एक सुहाना झोंका है,हवा का एक सुहाना झोंका है

कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा.कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा.

शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले,शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले,

कभी अपना तो कभी बेगानों सा.कभी अपना तो कभी बेगानों सा.

जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र,जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र,

जो समंदर है, पर दिल को प्यास नहीं.जो समंदर है, पर दिल को प्यास नहीं.

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,

तुम कह देना कोई ख़ास नहीं.तुम कह देना कोई ख़ास नहीं.

एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है,एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है,

यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है.यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है.

यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं,यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं,

पर कभी -कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है.

पर कभी -कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है.

यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है,यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है,

पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं.पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं.

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं,

तुम कह देना कोई ख़ास नहींतुम कह देना कोई ख़ास नहीं




                                                                                                                               अविनाश ने भेजा है....

1 comment:

दिलीप said...

waah bahut sundar abhivyakti