अभी अभी ......


Monday, June 7, 2010

बचपन की वो बातें......

1)मछली जल की रानी है,


जीवन उसका पानी है।

हाथ लगाओ डर जायेगी

बाहर निकालो मर जायेगी।



2.) पोशम्पा भाई पोशम्पा,

सौ रुपये की घडी चुराई।

अब तो जेल मे जाना पडेगा,

जेल की रोटी खानी पडेगी,

जेल का पानी पीना पडेगा।

थै थैयाप्पा थुश

मदारी बाबा खुश।



3.) झूठ बोलना पाप है,

नदी किनारे सांप है।

काली माई आयेगी,

तुमको उठा ले जायेगी।



4.) आज सोमवार है,

चूहे को बुखार है।

चूहा गया डाक्टर के पास,

डाक्टर ने लगायी सुई,

चूहा बोला उईईईईई।



5.) आलू-कचालू बेटा कहा गये थे,

बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।

बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,

मम्मी ने पैसे दिये हंस रहे थे।



6.) तितली उडी, बस मे चढी।

सीट ना मिली,तो रोने लगी।।

driver बोला आजा मेरे पास,

तितली बोली " हट बदमाश

बेटी का एक पत्र अपनी मां के नाम




मेरी प्यारी मां,


मैं खुश हूं और भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आप भी खुश होंगी,जब तुम कल ड़ाक्टर के यहां गई तो मुझे लगा जैसे मेरी खैरियत पता करने आई हो फिर तुम्हे मेरे लडकी होने का पता चला , लेकिन मैंने जो सनसनी खेज़ ख़बर सुनी है उससे मैं बैचेन हो गई हूं मुझे बहुत ड़र लग रहा है।मैने पापा को ड़ाक्टर से कहते सुना की वो मुझे इस दुनिया में ही नहीं आना देना चाहते हैं।यह सुनकर तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ मेरे हाथ पैर अभी तक कांप रहे हैं।भला मेरी प्यारी प्यारी कोमलहृदया मां ऐसा कैसे कर सकती है तुम ही बताओ क्या तुम ऐसाकर सकती हो।बस मेरी खातिर यह एक बार कह दो कि ये सब झूठ है सिर्फ एक बार कह दो ना मेरी प्यारी मां।जब तुम ड़ाक्टर के क्लीनिक की तरफ जा रही थी तो मैंने तुम्हारे आंचल को जोर से खीचने का भी प्रयास भी किया लेकिन मेरी हथेलिय़ां इतनी छोटी है कि तुम्हारा आंचल नहीं पकड़ सके।मेरी बांहे इतनी कमजोर हैं मैं इन्हें तुम्हारे गले ड़ालकर तुम्हारा रास्ता भी नहीं रोक सकती हूं।मेरी प्यारी मां तुम जो दवा मुझे मारने के लिए लेना चाहती हो बहुत ही घातक है उससे मेरे पूरे शरीर को बहुत कष्ट मिलेगा.ड़ाक्टर की कैंची मेरेपूसे शरीर को चीड़-फाड़ ड़ालेगी मेरे नाजूक हाथों औक कोमल पैरो को काट ड़ालेगी।आप कैसे यह दृश्य़ देख सकती हो मेरी प्यारी कोमलहृदया मां.मुझे इतने कष्ट में कैसे रहने दे सकती हो।.मैं ये पत्र तुम्हे इसलिए लिख रही हूं कि अभी मैं ठीक से बोल नहीं पा रहीं तुमसे तो अभी मुझे बोलना भी सीखना है,मेरी आवाज भी इतनी उंची नहीं है कि तुम्हें जोर जोर से चिल्ला कर मना करसकूं। मैं तुम्हारी कोख मैं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही लेकिम अब मुझे यह ड़र सुकून से नहीं रहने दे रहा है।मेरी प्यारी मां में इस दुनिया में आना चाहती हूं मैं तुम्हारे आंगन में खेलना चाहती हूं. तुम ही बताओ जब मैं पूरे घर में अपने छोटेछोटे पैरों से छम छम करती शरारत करती तुम्हरी गोद में आउंगी तो क्या तुम्हारा मन मुझे गले से लगा कर चूमने का नहीं करेगामुझे तुम्हारी ममता भरी गोद मैं खेलना है मेरी प्यारी मां।....और हां सुनो तुम मुझे इस दुनिया में आने दो मै तुम पर बोझ नहीं बनूगीं, मेरी चिंता भी नहीं करनी पडेगी मैं .आपकी लाडली थोडे से ही कपडे से काम चला लेगी उतरन पहन कर ही अपने तन को ढक लूगीं मेरी प्यारी मां बस एक बार मुझे अपनी कोख से निकलकर इस दुनिया में आ जाने दो मेरी प्यारी मांमैं आपकी बेटी हूं मां क्या बेटा होता तो आप उसे पाल नहीं लेती पालती ना फिर मुझे क्यों नहीं आने दे रही हो,तुम मेरी चिंता मत करना ना ही मेरे लिए दहेज की मैं अपना खर्चा खुद उठा लूगीं खूब मन लगा पढ़ाई करूंगी और तुम्हारा नाम रोशन करूंगी.बड़ी होकर मैं खुद अपने पैरों पे खड़ी होकर दिखाउंगी.मेरी प्यारी मां मेरी भी ड़ोली सजेगी और हाथों में मेंहदी लगेगी फिर एक दिन आपके आंगन चिड़िया की तरह फुर्र होकर उड जाऊगीं क्या तुम खुद को एक बार मुझे दुल्हन बनते नहीं देखना चाहती हो....बस मेरी प्यारी मां मुझे एक बार जन्म देदो एक बार एस दुनिया में आ जाने दो एक बार मुझे फूल बनकर अपनी बगिया में खिल जाने दो मैं तुम्हारे लिए जीवन भर कृतज्ञ रहूंगी।                    
                                                                                                                   तुम्हारी प्यारी बेटी


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