अभी अभी ......


Saturday, August 21, 2010

किसी रोज़ जिंदगी से मिलायेंगे तुम्हें.......

कभी चाहोगे तो चाहत से बुलाएँगे तुम्हें
दर्द-ए-दिल क्या होता हैये दिखायेंगे तुम्हें
मोहब्बत होती है क्या मोहब्बत कर के देख लेना
फिर मेरे पास आना कुछ और बताएँगे तुम्हें
कभी न आयें आँख में आंसू तो ऐसा करना
एक शाम मेरे पास आना बोहत रुलायेंगे तुम्हें 
हर पल रहोगे मुहब्बत में बेचैन
ख्याल बन कर सतायेंगे तुम्हें
पूछते हो जो जिंदा रहने का सबब चलो
किसी रोज़ जिंदगी से मिलायेंगे तुम्हें