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Saturday, March 12, 2011

स्वर्णिम नहीं कंगाल मध्यप्रदेश की ओर

ख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण का सपना बड़ी तेजी से पूरा हो रहा है। जिस तरह यह स्वर्णिम बनाया जा रहा है वह स्वर्ण मृग का छलावा के अलावा कुछ नहीं है। मंत्री गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं। अधिकारी कर्मचारी तेजी से करोड़पति बन रहे हैं। खदान, जमीन जंगल, वन्य प्राणियों की लूट एवं हत्या बेरोकटोक जारी है। सरकार पर शराब माफिया का असर कितना है यह भाजपा के विधायक नीना वर्मा ने विधानसभा में बता दिया है। विद्यार्थी परिषद शिक्षण संस्थाओं में अपनी मनमानी एवं हिंसक गतिविधियां पुलिस एवं प्रशासन की छत्रसाया में चला रहा है। बच्चे कुपोषित हैं महिलाएं असुरक्षित, मामा प्रसन्नचित, प्रवचनरत। देवास में संघ परिवार की आतंकी गतिविधियों से लोगों का ध्यान हटाने के लिये भोपाल तथा अन्य शहरों का नाम बदलने का शोशा। कांगे्रस में यादवी संघर्ष तीसरी शक्ति लापता। गरीब मध्यप्रदेश कंगाल मध्यप्रदेश बनने की ओर है न कि स्वर्णिम । जिला संभाग में प्रमोटी किस को प्रमोट कर रहे हें कंगाली को। तुम साइकिल, रिक्शा, ठेला, ड्रेस, सामूहिक विवाह लेकर खुश रहो, हमारी असली लक्ष्मी की ओर मत देखो हमें हवाई जहाज में उड़ने दो। हम पूरे खानदान नौकर चाकर के साथ स्वर्णिम मध्यप्रदेश में रहेगें। तुम कंगाल मध्यप्रदेश में रहना । जनता खुश है, लगातार चुनाव जीत रही है। संघ नाना और शिवराज मामा की जय हो।