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Thursday, February 25, 2010

मध्य प्रदेश:बजट 2010

राज्य में भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में निरंतर सातवां बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री राघव जी ने कुल 51 570 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है।गुरूवार को पारित इस बजट में2010-2011 के लिए128 करोड का घाटा है ।शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी और नगरीय निकायों के लिए इस बार रकम कुछ ज्यादा खर्च की गई है.साथ प्रदेश में किसानों की गिरती माली हालात को देखते हुए इस बार के बजट में किसानों के कर्ज की ब्याज सीमा पांच फीसदी से घटाकर तीन फीसदी कर दिया है.इस फैसले से किसानों केचेहरे पर खुशी तो साफ झलक जायेगी.लेकिन पुराने कर्जों की माफी को लेकर उन्होने कोई बात नहीं की है।साथ ही किसानों के लिए बिजली,बीज और खाद्य को लेकर क्या तैयारी की जायेगी यह स्पष्च करने से चूकते नजर आये।पूरे बजट को देखने के बाद एक बात बिल्कुल साफ है कि यह बजट लोगों की जेब में भारी पडने वाला साबित हुआ है।रोटी औऱ कपड़ो को अपने कोपसे दूर रखा लेकिन मकान के लिए मूल्य वृद्धि के संकेत भी दे डाले। खाद्यान को छोडकर बाकी सभी उपभोग की चीजों पर प्रवेश कर दुगना कर दिया गयाहै।इस कर की मार से महिलाओं और बच्चों की चीजों को भी नहीं छोडा गया है।भाई जी की माने तो इस मंदी के दौर मे यह बजट राहत देने वाला है लेकिन किस दृष्टि से यह बताना शायद वे भूल गये?बजट में कुल 51507 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है।भैया जी लगातार इस बात को कहते रहे कि यह बजट लोगों को राहत देने वाला है लेकिन भवन निर्माण की सामाग्री पर बढ़े कर के बाद मकानों के मूल्यों में आने वाली बढ़ोत्तरी के लिए क्या किया जायेगा येबताना वो भूल गये.प्रदेश माली सडको की हालात को देखते हुए सडको के लिए मौजूदा बजट में 11 फीसदी की बढोत्तरी की बात कहकर भैया जी प्रदेश की इन सड़को की नरक यात्रा से लोगों को राहत देने का शिगूफा जरूर छोड दियाहै।इस बजट में सड़को के लिए 28529 करोड दिया गया है।गांवों की बारहमासी सडको से जोडने की बातकही है।प्रदेश में कभी कभी रहने वाली बिजली व्यवस्था के लिए2214 करोड तो उन्होने दे दिये लेकिन छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रदेश में गहराय़े बिजली संकट से उबरनेके धराशायी प्रय़ासों के बीच इन रूपयों का क्या होगा यह तो आने वाला साल ही बता पायेगा।इस समय प्रदेश में बिजली कंपनियों और नगर निगमों के बीच चल आ रही लड़ाई का अभी तक कोई हल शासन के पास नहीं है।प्रदेश के 14 महानगरों में 03 बिजली वितरण कंपनियां है जिनके बीच बिजली के बिल को लेकर बबाल मचा हुआ है।साथ ही साथ सेवाक्षेत्र के पेशेवर व्यक्तियों को भी प्रोफेशनल टैक्स के दायरे में लाने की कवायद की गई है जिसके तहत तीन से पांच लाख की आमदानी वाले व्यक्ति पर सालाना एक हजार ,पांच लाख से आठ लाख की आमदानी पर दो हजार और आठ हजार से अधिक आमदानी पर वृत्तिकर लगाना प्रस्तावित है।प्रधानमंत्री सड़क योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री सड़क योजना का प्रावधान भी किया गया है जिसके तहत 200 करोड़ रूपये दिये गये है। इसके तहत साल भर दौ सो से पांच सौ की आबादी बाले गांवों को जोड़ा जायेगा इस योजना के तहत तीन सालों 19 हजार किमी सड़को का निर्माण किया जाना है। साक्षर भारत योजना के तहत् प्रदेश में14 जिलों में नए महाविद्यायलयों और9 जिलों में पॉलिटेक्निक कालेज खोलने की बात भी बजट में रखी गई है।कानून व्यवस्था को औऱअधिक दुरूस्त करने के लिए एक हजार917 करोड रूपयें का प्रावधान किया गया है.साथ ही पुलिस बल में 1500 और पदों की स्वीकृति देने की बात कहकर बेरोजगार युवकों केलिए रोजगार के द्वार भी खोल दियेहैं।प्रदेश के उद्योगों के लिए कोई खास प्रावधान इस बजट में कहीं भी नज़र नहीं आया।लोहा और स्टील पर घटाये गये इंट्री टैक्स के बाबजूद यह बजट उद्योग जगत के लिए खास नही कहा जा सकताहै। बजट में किये गये प्रावधानों के बाद भी प्रदेश के उद्योगों कोकोई फायदा पहुंचेगा ऐसा नही लगता।कुल मिलाकर इस बार बजट गरीबों को छोडकर बाकी सभी की जेबों में भारी पडने वाला है।

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